जय श्री राम
श्री रामचरितमानस की सिद्ध दोहा और चोपाई
कवन सो काज कठिन जग माही। जो नहीं होइ तात तुम पाहीं।।
अर्थात -
हे बजरंगवली जगत में कौन सा ऐसा कठिन काम है जो हे तात! तुमसे न हो सके
यह चोपाई गोस्वामी तुलसीदास जी के आदर्श और शिक्षाप्रद काव्य "रामचरितमानस"के किष्किंधा कांड से है
मनोकामना पूर्ति एवं सर्वबाधा निवारण हेतु इस चोपाई का पाठ किया जाता है
इस चौपाई का प्रयोग कब और कहाँ और कैसे करें ----
- जब भी आप किसी काम को करने के लिए जा रहे हो या कर रहे हो तो मन ही मन इस चोपाई का जाप पूर्ण विस्वास के साथ करते रहे ऐसा करने से आप जो भी कार्य कर रहे है या करने जा रहे है उसमे कोई बाधा नहीं आएगी और आएगी भी तो हनुमान जी की कृपा से नष्ट हो जायगी
- जब भी आप किसी समस्या या परेशानी मे फास जाये तब भी इस चोपाई का पाठ करना चाहिए | इससे आप शकुशल उस परशानी से बाहर निकल जाएगे |
इस चौपाई में बहुत ताकत है। ऐसा कहने से हनुमान जी के रोंगटे खड़े हो जाते है। इसका मतलब हे बजरंगवली जगत में कौन सा ऐसा कठिन काम है जो हे तात! तुमसे न हो सके। इतना कह कर अपना कार्य हनुमान जी के चरणों में रख देना उसके बाद कही भी असफल नहीं होगे साथ ही काम नहीं बिगड़ेगा।
नोट - यह प्रयोग आजमाया हुआ है कृपा करके पूर्ण विस्वास के साथ करके देखें सफलता निश्चित मिलेगी | अपने प्रभु मै विश्वास रखें
जय जय श्री राम
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