गुरुवार, 18 जुलाई 2024

पचतंत्र की एक रोचक और शिक्षाप्रद कहानी .....


घर का भेदी



प्राचीन काल में एक राजा था। राजा का एक पुत्र था| एक बार राजकुमार के पेट में सांप चला गया और सांप ने राजकुमार के पेट को ही अपना बिल बना लिया और उसी में रहने लगा।


 पेट में सांप होने के कारण राजकुमार दिन प्रतिदिन कमजोर होने लगा और उसका स्वास्थ्य भी खराब रहने लगा | राजा ने राजकुमार का बहुत उपचार कराया परंतु उसके स्वास्थ्य में कोई सुधार नहीं होगा। राजकुमार की हालत देखकर राजा और उसका परिवार बहुत दुखी रहने लगा |


 राजकुमार अपने परिवार और माता पिता की हालत देखकर राजभवन छोड़कर दूसरे राज्य चला गया और एक मंदिर में सामान्य भिखारी की तरह रहने लगा।


जिस राज्य में राजकुमार भिखारी की तरह रहता था उसी राज्य के राजा की दो पुत्रियां थी | उनमें से एक पुत्री हमेशा मधुर बोलती थी चाहे वह झूठ हो या सच और दूसरी पुत्री सच्ची बातें बोलती थी | राजा को अपनी दूसरी पुत्री की सच्ची बातें अच्छी नहीं लगती थी | 


एक दिन उसने दूसरी पुत्री पर क्रोधित होकर अपने मंत्रियों को आदेश दिया कि इसका विवाह किसी निर्धन से कर दिया जाए । मंत्रियों ने राजा की आज्ञा का पालन किया और मंदिर में ठहरे हुए राजकुमार को निर्धन समझकर राजकुमारी का विवाह उससे करा दिया। दोनों ने वह राज्य छोड़ दिया और जाकर एक तालाब किनारे रहने लगे |


एक दिन राजकुमारी कुछ सामान लेने बाहर गई थी और जब लौट कर आई तो उसने देखा कि राजकुमार तालाब के किनारे सो रहा है और उसके मुंह से एक सांप बाहर निकला हुआ है जो पास में ही बिल में रहने वाले दूसरे सांप से बात कर रहा है। बिल वाला सांप,  पेट वाले सांप को खरी-खोटी सुनाते हुए कहता है कि उसने राजकुमार का जीवन बर्बाद कर दिया है |


पेट वाला सांप क्रोधित होकर कहता है – “ तू भी जिस स्थान पर रह रहा है उसके नीचे स्वर्ण कलश है और तू भी इस स्वर्ण कलश को दूषित कर रहा है।“


बिल वाला सांप कहता है – “ कोई भी इस राजकुमार को उबली हुई राई की कांजी पिलाकर तुझे मार सकता है।“ पेट वाला सांप बदले में कहता है – “ कोई भी इस बिल में उबला हुआ तेल डालकर तुझे भी मार सकता है।“

दोनों सांपों की बात राजकुमारी ने सुन ली और उसने वही उपाय किए जो सांपों ने एक दूसरे को मारने के लिए बतलाए थे |


 इस प्रकार राजकुमारी ने राजकुमार के पेट में रहने वाले सांप को मार दिया जिससे राजकुमार पूरी तरह स्वस्थ हो गया और दोनों ने बिल में रहने वाले सांप को मारकर वहां रखे हुए स्वर्ण कलश को निकाल लिया।


 इस प्रकार अब दोनों की निर्धनता दूर हुई और दोनों सुख पूर्वक रहने लगे |

राजकुमार के स्वस्थ होने पर उसे लगा कि अब अपने राज्य वापस चला जाए । 

राजकुमार अपनी पत्नी को लेकर अपने राज्य लौट आया | घर आने पर उसके माता-पिता बहुत खुश हुए और बड़े धूमधाम से उनका स्वागत किया।


शिक्षा - इस पंचतन्त्र कहानी से शिक्षा मिलती है कि कभी भी अपना भेद नही खोलना चाहिए।



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पचतंत्र की एक रोचक और शिक्षाप्रद कहानी 

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