1. प्रातः काल :
सूर्योदय से 48 मिनट पूर्व का समय प्रात:काल कहलाता है ।
2. अरुणोदय काल :
सूर्योदय से 1 घंटा 12 मिनट पूर्व का समय अरुणोदयकाल होता है।
3. उषा काल :
सूर्योदय से 2 घंटा पूर्व का समय उषाकाल कहलाता है।
4. अभिजित काल :
दोपहर से 24 मिनट पहले से 24 मिनट बाद तक का समय अभिजित काल कहलाता है।
5. प्रदोष काल :
सूर्यास्त के 48 मिनट बाद तक का समय प्रदोषकाल होता है।
6. गोधूलि काल :
सूर्यास्त के 24 मिनट पहले तथा 24 मिनट बाद तक का समय।
7. राहु काल :
प्रतिदिन डेढ़-डेढ़ घंटे का होता है। रविवार को सायं 4.30 से 6 तक, सोमवार को प्रात: 7.30 से 9 तक, मंगलवार को दोपहर 3 से 4.30 तक, बुधवार को दोपहर 12 से 1.30 तक, गुरुवार को दोपहर 1.30 से 3 तक, शुक्रवार को प्रात: 10.30 से 12 तक, शनिवार को प्रात: 9 से 10.30 तक। राहुकाल को प्रत्येक शुभ कार्य के लिए त्याग देना चाहिए।
8. गुलिक काल :
प्रतिदिन डेढ़-डेढ़ घंटे का होता है। रविवार को दोपहर 3 से 4.30 तक, सोमवार को दोपहर 1.30 से 3 तक, मंगलवार को दोपहर 12 से 1.30 तक, बुधवार को प्रात: 10.30 से 12 तक, गुरुवार को प्रात: 9 से 10.30 तक, शुक्रवार को प्रात: 7.30 से 9 तक, शनिवार को प्रात: 6 से 7.30 बजे तक होता है ! कुछ विशेष कार्यो में यह समय त्याज्य होता है।
9. यमघंट काल :
यह भी प्रतिदिन डेढ़-डेढ़ घंटे का होता है। रविवार को दोपहर 12 से 1.30, सोमवार को प्रात: 10.30 से 12, मंगलवार को प्रात: 9 से 10.30 तक, बुधवार को प्रात: 7.30 से 9 तक, गुरुवार को प्रात: 6 से 7.30 तक, शुक्रवार को दोपहर 3 से 4.30 तक, शनिवार को दोपहर 1.30 से 3 बजे तक। यमघंट काल को भी शुभ कार्यो में त्याग देना चाहिए।
10. मध्याह्न काल :
सूर्योदय से सूर्यास्त के समय के ठीक मध्य में पड़ने वाले समय को मध्याह्न काल कहते हैं। यह प्रतिदिन बदलता रहता है।
24 घंटे मे कितने और कोन से प्रहर होते हैं ?
Thanx
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