कार्तिक मास प्रारम्भ
भगवान विष्णु का प्रिय महीना
मोक्ष प्राप्ति के लिए इस माह में कर लें ये कार्य
जैसे सतयुग के समान कोई युग नहीं है, वेदों के समान कोई शास्त्र नहीं है, और गंगा के समान कोई तीर्थ नहीं है, वैसे ही कार्तिक के समान कोई मास नहीं है (स्कंद पुराण)।
हिंदू कैलेंडर के मुताबिक साल का 8वां महीना कार्तिक का होता है। हिंदू धर्म में इसे बेहद पवित्र माह में से एक माना गया है। इस माह में कई बड़े त्योहार तो आते ही हैं। लेकिन ये माह भगवान विष्णु को समर्पित है। इस माह में श्री हरि, तुलसी जी की पूजा से विशेष फलों की प्राप्ति होती है। बता दें कि इस बार कार्तिक माह की शुरुआत 28 अक्टूबर से हो रही है। कहते हैं कि अगर इस माह में सच्चे दिल और पूरी श्रद्धा से भगवान विष्णु की पूजा की जाए, तो व्यक्ति को सभी पापों से मुक्ति मिलती है। साथ ही, व्यक्ति को मृ्त्यु के पश्चात बैकुंठ धाम की प्राप्ति होती है।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार हर माह किसी न किसी देवता को समर्पित होता है। हर माह के कुछ नियम होते हैं। इन नियमों के पालन के साथ अगर पूजा-आराधना की जाती है तो शुभ फलों की प्राप्ति होती है।
कार्तिक माह में भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की कृपा पाने के लिए क्या करें और क्या नहीं ?????
ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करना
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शास्त्रों में बताया गया है कि कार्तिक माह में ब्रह्मा मुहूर्त में स्नान करना बेहद शुभ माना गया है। कार्तिक माह में ब्रह्म मुहूर्त में उठना और किसी पवित्र नदी या घर में ही गंगाजल डालकर स्नान करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है। भगवान विष्णु की कृपा बरसती है।
तुलसी पूजा
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ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कार्तिक माह में तुलसी पूजा का विशेष महत्व बताया गया है। हिंदू धर्म में तुलसी को पूजनीय स्थान प्राप्त है। कहते हैं कि तुलसी में मां लक्ष्मी का वास होता है और भगवान विष्णु को तुलसी बेहद प्रिय है। इस माह में तुलसी की पूजा से भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी दोनों की कृपा बरसती है। कहते हैं कि इस माह में देवउठनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु योग निद्रा से जागते हैं और सबसे पहले तुलसी मां की ही पुकार सुनते हैं। इसलिए इस माह में तुलसी पूजन का खास महत्व है।
दीपदान
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मान्यता है कि इस माह में दीप दान करने से भक्तों की सभी मोकामनाएं पूर्ण होती हैं। शरद पूर्णिमा से लेकर कार्तिक पूर्णिमा तक दीपदान करना चाहिए। इस माह में संभव हो तो किसी पवित्र नदी या फिर घर पर तुलसी के पास ही नियमित रूप से दीपदान करें। इससे घर में सुख- समृद्धि की प्राप्ति होती है।
जमीन पर सोने का विधान
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- कार्तिक माह में जमीन पर सोने का विधान है। कहते हैं कि जमीन पर सोने से व्यक्ति के मन में पवित्र विचार आते हैं। कार्तिक माह में जमीन पर सोना तीसरा प्रमुख काम है।
ब्रह्मचर्य व्रत का पालन
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- इतना ही नहीं, कार्तिक माह में ब्रह्मचर्य व्रत का पालन करना चाहिए। इन नियमों का पालन करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है और व्यक्ति को भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है। मृत्यु के बाद व्यक्ति मोक्ष को प्राप्त होता है।
कार्तिक मास महत्व
🪔भविष्य पुराण के अनुसार, हे ऋषि, जो भगवान श्रीकृष्ण के मंदिर के अंदर और बाहर दीप-माला की व्यवस्था करता है, वह उन्हीं द्वीपों द्वारा प्रकाशित पथ पर परमधाम के लिए प्रस्थान करेगा। (१४०) (स्कंद पुराण, ब्रह्मा और नारद के बीच संवाद) एक व्यक्ति जो कार्तिक के दौरान और विशेष रूप से एकादशी के दिनों में एक सुंदर दीप-माला की व्यवस्था करता है, जब भगवान जागते हैं, अपने तेज से चारों दिशाओं को प्रकाशित करते हैं और स्थित होते हैं। एक चमकदार वाहन पर, अपने शरीर की चमक से ब्रह्मांड को रोशन करते है। वे जितने घी के दीयों की व्यवस्था करते थे, उतने हजारों वर्षों तक भगवद्धाम में रहेंगे।
🪔कार्तिक माह में दीप जलाना भगवान श्रीकृष्ण की सेवा है। भगवान श्रीकृष्ण के मंदिर के अंदर और बाहर दीप-माला की व्यवस्था करने से व्यक्ति को भगवान के समान स्वरूप की प्राप्ति होती है।
🪔कार्तिक मास में जब कोई दीपक अर्पित करता है तो उसके लाखों-करोड़ों पाप पलक झपकते ही नष्ट हो जाते हैं।
🪔जो भक्त भगवान केशव को प्रसन्न करने के लिए दीपक अर्पित करते हैं, वह इस मृत्युलोक में पुनः जन्म नहीं लेते।
🪔जो भक्त घी का दीपक अर्पित करते हैं, उन्हें अश्वमेध-यज्ञ करने से क्या लाभ? इस प्रकार के दीपदान से अनेक अश्वमेध-यज्ञों का फल प्राप्त होता है।
🪔यदि कोई भगवान श्री हरि के मंदिर में थोड़े समय के लिए भी (कार्तिक के मास में) दीपक जलाता है, तो उसने लाखों कल्पों के लिए जो भी पाप अर्जित किए हैं (एक कल्प 1000 युग के बराबर) सभी नष्ट हो जाते हैं।
🪔किसी के जीवन में भले ही कोई मंत्र न हो, कोई पवित्र कर्म न हो, और कोई पवित्रता न हो, उनके जीवन में भी कार्तिक मास में दीपक अर्पण करने से सब कुछ सही हो जाता है।
🪔जो भक्त कार्तिक के महीने में भगवान श्री कृष्ण को दीपक अर्पित करते है, उन्हें सभी यज्ञों और सभी पवित्र नदियों में स्नान करने के समान फल प्राप्त होता है।
🪔पितृ पक्ष के अनुसार, जब परिवार में कोई कार्तिक के महीने में भगवान केशव को दीपदान से प्रसन्न करता है, तो भगवान की कृपा से जो सुदर्शन-चक्र को अपने हाथ में रखते हैं, सभी पितरों को मुक्ति मिल जाएगी।
🪔कार्तिक मास में दीपक अर्पण से मेरु पर्वत या मंदरा पर्वत जितना बड़ा पापों का संग्रह जल जाता है। इसमें कोई संदेह नहीं है।
🪔जो व्यक्ति कार्तिक के दौरान भगवान श्रीकृष्ण को दीपक अर्पित करता है, वह शाश्वत आध्यात्मिक संसार को प्राप्त करता है जहां कोई दुःख नहीं है।
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