जय श्री राम
श्री रामचरितमानस की सिद्ध दोहा और चोपाई
गरल सुधा रिपु करही मिलाई | गोपद सिंधु अनल सितलाई ||
अर्थात -
अयोध्यापुरी के राजा श्री रघुनाथजी को हृदय में रखे हुए नगर में प्रवेश करके सब काम कीजिए। उसके लिए विष अमृत हो जाता है, शत्रु मित्रता करने लगते हैं, समुद्र गाय के खुर के बराबर हो जाता है, अग्नि में शीतलता आ जाती है॥1॥
इस चौपाई का प्रयोग कब और कहाँ और कैसे करें ----
मेल कराने के लिए:- श्री रघुनाथजी की कृपा से किन्ही भी दो लोगो के मध्य लड़ाई को समाप्त कराने के लिए या फिर किसी भी परिस्थिति को अनुकूल करने के लिए इस सिद्ध चोपाई का प्रयोग किया जाता है |
कैसे करें ----
इस इस चोपाई के लाभ :-
किसी भी परिस्थिति को अनुकूल करने के लिए|
दो लोगो के मध्य मेल करवाने के लिए |
स्मरण करने योग्य बात :-
जय श्री राम भक्तों आपका प्रभु श्री राम, माता सीता, हनुमान जी, तुलसीदास जी, श्री रामचरितमानस और स्वयं मै पक्का विस्वास होना चाहिए | क्योकि जितना ज्यादा आपका विश्वास होगा उतनी जल्दी आपकी इच्छा होगी | और आपके सारे काम सफल होंगे | और ये दोहा और चोपाई अपना काम प्रारम्भ कर देती है क्योकि ये स्वतः सिद्ध है |
रामायण का महाज्ञानः मुसीबत के समय इन चौपाइयों को परखना चाहिए
नोट - यह प्रयोग आजमाया हुआ है
कृपा करके पूर्ण विस्वास के साथ करके देखें सफलता निश्चित मिलेगी
अपने प्रभु मै विश्वास रखें
"जय जय श्री राम"
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सरल और सुखमय जीवन
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