जय श्री राम
श्री रामचरितमानस की सिद्ध दोहा और चोपाई
जाके सुमिरन ते रिपु नासा |
नाम शत्रुघ्न वेद प्रकाशा ||
अर्थात -
जिनके स्मरणमात्र से शत्रु का नाश होता है उनका वेदों में प्रसिद्ध '' शत्रुघ्न '' नाम है।
उस समय महर्षि वशिष्ठ ने प्रसन्नता के साथ सबके नाम रखे । सुमित्रा के एक पुत्र का नाम लक्ष्मण और दूसरे का शत्रुघ्न निश्चित किया गया ।
इस चौपाई का प्रयोग कब और कहाँ और कैसे करें ----
शत्रु नाश के लिए :-
मित्रों कभी कभी ऐसा होता है की हमारे बहुत शत्रु होते है लेकिन हमको पता ही नहीं होता| जिनको हम गुप्त शत्रु कहते है | जो दिखते है, उनसे तो हम निपट सकते है लेकिन जिनका पता ही नहीं है,उनसे सुरक्षा कैसे हो| तो इसके लिए यह चोपाई बहुत ही रामबाण सिद्ध है |
आपको ऐसा लगता है की आपका अहित कर सकता है तो आप इस चोपाई को ११ बार रोज बोलिये या इसका पाठ करिये (प्रभु श्री राम जी का सच्चे मन से ध्यान करके) इससे आपका शत्रु भय भी ख़त्म होगा और जो आपका अहित करने वाला होगा ,वो भी कुछ नहीं कर पाएगा | आपके शत्रु हमेशा आपसे डर के रहेगें |
शत्रु भय कभी नहीं होता |
मन का डर भी खत्म होता है|कैसा भी डर हो
नोट - यह प्रयोग आजमाया हुआ है
कृपा करके पूर्ण विस्वास के साथ करके देखें सफलता निश्चित मिलेगी
अपने प्रभु मै विश्वास रखें
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
THANK YOU